उत्तराखंड और भू-कानून

उत्तराखंड और भू- क़ानून

“उत्तराखंड मेरी मातृभूमि, मातृभूमि, मेरी पितृभूमि, ओ भूमि तेरी जै- जै कारा म्यर हिमाला।” गिरीश तिवारी (गिर्दा) की ये पंक्तियाँ उत्तराखंड का बड़ा सुन्दर वर्णन करती हैं। देश के उत्तर में स्थित यह पर्वतीय राज्य अपनी सुंदरता के साथ-साथ जन आंदोलनों के लिए भी विख्यात है। चाहे 1916 में कुमाऊँ परिषद् की स्थापना हो या …

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